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भारत vs विदेशी देशों के समझौते (2024-25)

भारत vs विदेशी देशों के समझौते (2024-25)

यहाँ 2024-25 में भारत द्वारा विभिन्न देशों के साथ किए गए प्रमुख समझौते और सहयोगों की सूची दी गई है, जिससे आप अपने तैयारी या सामान्य ज्ञान को बड़ा सकते है |

🇺🇸 भारत-अमेरिका व्यापार समझौता (Mission 500)

  • उद्देश्य: 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक बढ़ाना।
  • प्रगति: दोनों देशों ने प्रारंभिक चरण के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।
  • प्रमुख पहल: भारत, अमेरिकी इथेन और एलपीजी पर आयात कर समाप्त करने पर विचार कर रहा है, जिससे ऊर्जा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। 🇮🇳🇺🇸 समझौते का उद्देश्य
  • भारत और अमेरिका ने 13 फरवरी 2025 को “मिशन 500” की घोषणा की, जिसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को $500 बिलियन तक बढ़ाना है। यह पहल दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने और आपसी लाभकारी व्यापार समझौते की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।​ 📌 प्रमुख बिंदु1
  • व्यापार समझौते की रूपरेखा: दोनों देशों ने व्यापार समझौते के लिए 19 अध्यायों की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें टैरिफ, माल, गैर-टैरिफ अवरोध, और सीमा शुल्क सुविधा जैसे मुद्दे शामिल हैं। टैरिफ में कमी: भारत, अमेरिकी इथेन और एलपीजी पर आयात कर समाप्त करने पर विचार कर रहा है, जिससे ऊर्जा व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। ​
  • पहली चरण की वार्ता: पहली चरण की वार्ता 23 अप्रैल 2025 से वाशिंगटन में शुरू होगी, जिसमें लंबित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। 🛠️ रणनीतिक क्षेत्र
  • समझौते में ऊर्जा, रक्षा, प्रौद्योगिकी, और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया गया है। भारत, अमेरिकी रक्षा और ऊर्जा उत्पादों की खरीद बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। ​

🇨🇳 भारत-चीन सीमा गश्ती समझौता (2024)

  • पृष्ठभूमि: 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
  • 📝 समझौते का सारांश
  • 21 अक्टूबर 2024 को भारत और चीन ने लद्दाख क्षेत्र के डेपसांग और डेमचोक इलाकों में गश्ती गतिविधियों को पुनः बहाल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 📍 मुख्य बिंदु
  • गश्ती अधिकारों की बहाली: डेपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में दोनों देशों को पारस्परिक सहमति से गश्ती करने की अनुमति मिली है।​
  • बफर जोन का निर्माण: दोनों देशों के बीच एक बफर जोन स्थापित किया गया है, जिससे सैन्य टकराव की संभावना कम हो।​
  • गश्ती पर सीमाएँ: गश्ती दल में 14 से अधिक सैनिक नहीं होंगे, और गश्ती की सूचना पहले से दूसरे पक्ष को दी जाएगी।

🇳🇿 भारत-न्यूजीलैंड रक्षा और व्यापार सहयोग

  • दौरा: मार्च 2025 में न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भारत का दौरा किया।
  • 🛡️ रक्षा सहयोग
  • रक्षा समझौता (MoU): भारत और न्यूज़ीलैंड ने मार्च 2025 में एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करना और नियमित रक्षा संवाद स्थापित करना है ।
  • संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण: दोनों देशों के रक्षा कॉलेजों में अधिकारियों का पारस्परिक प्रशिक्षण बढ़ाया जाएगा, जिससे सैन्य क्षमता में वृद्धि होगी |
  • समुद्री सुरक्षा: समझौते में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित संवाद की आवश्यकता पर बल दिया गया है, जिससे समुद्री मार्गों की सुरक्षा में सुधार होगा ।​

📈 व्यापार सहयोग

  • मुक्त व्यापार समझौता (FTA): भारत और न्यूज़ीलैंड ने 2025 में मुक्त व्यापार समझौते की वार्ता फिर से शुरू की, जिसका उद्देश्य अगले दो महीनों में इसे अंतिम रूप देना है ।​
  • वाणिज्यिक लक्ष्य: दोनों देशों का लक्ष्य अगले दशक में द्विपक्षीय व्यापार को दस गुना बढ़ाना है, जिससे आर्थिक संबंधों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी ।​
  • मुख्य निर्यात क्षेत्र: न्यूज़ीलैंड के प्रमुख निर्यात क्षेत्रों में कृषि उत्पाद, वन उत्पाद, और फार्मास्यूटिकल्स शामिल हैं, जबकि भारत से न्यूज़ीलैंड को दवाएं, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं, और उपभोक्ता वस्तुएं निर्यात की जाती हैं ।

🌐 अन्य सहयोग

  • श्रमिक गतिशीलता समझौता: दोनों देशों ने पेशेवरों और कुशल श्रमिकों की गतिशीलता को सुविधाजनक बनाने के लिए समझौते की घोषणा की है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे ।​
  • आर्थिक सहयोग: कस्टम्स सहयोग समझौते के माध्यम से व्यापार प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाएगा, जिससे व्यापार में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी ।

🇦🇫 भारत-अफ्रीका समुद्री सहयोग (AIKEYME)

  • उद्देश्य: भारतीय नौसेना और अफ्रीकी देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना।
  • 📅 आयोजन तिथि और स्थान
    तिथि: 13 से 18 अप्रैल 2025
    स्थान: दार-ए-सलाम, तंजानिया
    आयोजक: भारत और तंजानिया
    उद्घाटन: 13 अप्रैल 2025 को, रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ और भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी की उपस्थिति में ​

    🛳️ भागीदार देश
    भारत और तंजानिया के अलावा, निम्नलिखित देशों की नौसेनाओं ने इस अभ्यास में भाग लिया:​
    कोमोरस
    जिबूती
    केन्या
    मेडागास्कर
    मॉरीशस
    मोजांबिक
    सेशेल्स
    दक्षिण अफ्रीका​
    इन देशों की भागीदारी से यह अभ्यास एक महत्वपूर्ण बहुपक्षीय सहयोग का प्रतीक बन गया है ।​

    🎯 उद्देश्य
    AIKEYME 2025 का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित था:
    भागीदार देशों की नौसेनाओं के बीच आपसी सहयोग और समन्वय बढ़ाना
    क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा चुनौतियों जैसे समुद्री डकैती और अवैध मछली पकड़ने के लिए संयुक्त रणनीतियाँ विकसित करना
    साझा प्रशिक्षण और सूचना साझा करने के माध्यम से क्षमता निर्माण करना
    भारत की SAGAR (Security and Growth for All in the Region) नीति के तहत अफ्रीकी देशों के साथ समुद्री साझेदारी को मजबूत करना ​

    ⚓ अभ्यास की संरचना
    अभ्यास दो प्रमुख चरणों में विभाजित था:
    हार्बर चरण (13-15 अप्रैल):
    टेबल-टॉप और कमांड पोस्ट अभ्यास
    समुद्री डकैती विरोधी संचालन और जानकारी साझा करने पर ध्यान केंद्रित
    साझा प्रशिक्षण और “Visit, Board, Search and Seizure” (VBSS) अभ्यास ​
    सी चरण (16-18 अप्रैल):
    सर्च और रेस्क्यू संचालन
    VBSS, छोटे हथियार प्रशिक्षण और हेलीकॉप्टर संचालन के अभ्यास
    INS Sunayna, जो भारतीय महासागर जहाज (IOS) SAGAR मिशन के तहत तैनात थी, ने इस चरण में भाग लिया ​

    🚢 भारतीय नौसेना की भागीदारी
    INS चेन्नई: गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, उद्घाटन समारोह का आयोजन
    INS केसरी: लैंडिंग शिप टैंक (लार्ज), समर्थन और रसद प्रदान की
    INS सुनेयना: ऑफशोर पेट्रोल वेसल, 9 साझेदार देशों के 44 कर्मियों के साथ IOS SAGAR मिशन के तहत तैनात
    INS सुकन्या: ऑफशोर पेट्रोल वेसल, अभ्यास के बाद मोजांबिक की यात्रा पर

    🌍 रणनीतिक महत्व
    यह अभ्यास भारत और अफ्रीकी देशों के बीच समुद्री सहयोग को नई ऊँचाइयों पर ले गया है
    क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा में साझा जिम्मेदारी और सहयोग को बढ़ावा दिया गया है
    भारत की SAGAR नीति के तहत अफ्रीकी देशों के साथ मजबूत समुद्री साझेदारी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

🌍 अन्य महत्वपूर्ण समझौते

  • भारत-यूएई निवेश संधि (BIT): अगस्त 2024 में प्रभावी हुई, जो डिजिटल बुनियादी ढांचे और भुगतान प्लेटफार्मों में निवेश को प्रोत्साहित करती है।
  • भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता: मार्च 2025 में ब्रुसेल्स में वार्ता का अगला दौर निर्धारित है।
  • भारत-आसियान व्यापार समझौता समीक्षा: फरवरी 2025 में जकार्ता में समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें व्यापार बाधाओं को दूर करने पर चर्चा होगी।
  • भारत-कतर व्यापार सहयोग: दोनों देशों ने अगले पांच वर्षों में व्यापार को $28 बिलियन तक दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • भारत-जर्मनी और भारत-स्पेन संयुक्त वक्तव्य: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे पर ध्यान केंद्रित किया गया। ​
  1. ↩︎
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